अजीब सी कश्मकश है उसमे
ना दोस्त है ना दुश्मन है!
ना अपना है ना पराया है
ना पास है ना दूर है!
फिर भी एक अलग सी ज़िद है
उसमे एक तलब है उसमे,
वो, वो है जिसे जानकर भी अनजान हूं
वो, वो है जिसे समझकर भी नासमझ हूं,
फिर भी हैरान हूं मैंं ,
वो है तो आखिर क्या है❓
_Pallavi
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