तारीफ लिखने बैठे थे,

तारीफ लिखने बैठे थे, उसके मखमली हुस्न पर..
 मगर अल्फाज कम पड़ गए,
 उसके हुस्न की नजाकत देखकर...✍️#pallavi



 


तू मिली तो जिंदगी मुकम्मल हुई मेरी दोस्त. ना तेरे पहले कोई आयी, ना तेरे बाद कोई आया..

Friendship shayari


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